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शनिवार, 1 अप्रैल 2023

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भाग एक (National Human Rights Commission Part One)

 



अध्याय 02
                                                      
                                   राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 

धारा -3 राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन: 
3.1. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के रूप मै जानी जाने वाली एक संस्था का, इस अधिनियम के आधीन उसे प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग मैं, तथा उसे समनुदेशित कार्यो को निष्पादित करने के लिए गठन करेगी। 

संगठन :

3. 2 . आयोग में एक अध्यक्ष एवं सात सदस्य निम्न प्रकार से होंगे -

3. 2.  (क): अध्यक्ष जो उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रहा है । 

3. 2.  (ख): एक सदस्य जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो या  है। 

3. 2.  (ग): एक सदस्य जो उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रहा हो या  है। 

3. 2.  (घ): दो सदस्य जिनकी नियुक्ति उन व्यक्तियों में से की जाएगी जिन्हें मानवाधिकार से सम्बंधित विषयों का ज्ञान एवं व्यवहारिक आनुभव रखते है। 

3. 3. अल्पसंख्यक के लिए राष्ट्रीय आयोग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए राष्ट्रीय  आयोगएवं महिलाओं के लिए राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्षों को धारा 12 के खंडों (ख) से (य़) में विनिर्दिष्ट कार्यो के निर्वहन के लिए आयोग के सदस्य समझा जायेगा। 

3. 4. एक महासचिव होगा जो आयोग का महकार्यपालक अधिकारी होगा तथा वह आयोग की ऐसी शक्तियों का प्रयोग एवं ऐसे कार्यो का निर्वहन करेंगा जो वह उसे प्रत्यायोजित करेगा। 

3.5. आयोग का कुल कार्यालय दिल्ली में होगा तथा आयोग भारत सरकार की पूर्व अनुमति से भारत में अन्य स्थानों पर कार्यालय स्थापित करेगा। 


नियुक्ति :

धारा -4. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों की नियुक्ति

4.1. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यों को राष्ट्रपति दुवारा अपने हस्ताक्षर एवं मुद्रा सहित नियुक्ति किया जायेगा। 

 परन्तु यह कि इस उपधारा के आधीन प्रत्येक नियुक्ति समिति की। जिसमे निम्न होंगे, सिफारिशें प्राप्त करने के बाद की जाएगी 

4.1.(क): प्रधानमंत्री इसका अध्यक्ष होगा 

4.1.(ख): लोकसभा का अध्यक्ष इसका सदस्य होगा 

4.1.(ग):भारत सरकार में गृह मंत्रालय का मंत्री प्रभारी इसका सदस्य होगा
 
4.1.(घ):लोकसभा में विपछ का नेता इसका सदस्य होगा 

4.1.(ङं):राज्यसभा में विपक्ष का नेता इसका सदस्य होगा 

4.1.(च):राज्यसभा का उपसभापति इसका सदस्य होगा 

परन्तु यह और कि उच्चतम न्यायालय को कोई आसीन न्यायाधीश या उच्च न्यायालय को आसीन मुख्य न्यायाधीश भारत के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श करने के अलावा नियुक्त नहीं किया जायेगा। 

4.2.  अध्यक्ष या सदस्य की कोई नियुक्ति केवल समिति में कोई रिक्ति होने के कारण अमान्य नहीं हो गी। 


धारा- 05: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य का हटाया जाना :


5.1. उपधारा (2) के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुये आयोग के अध्यक्ष या सदस्य को उसे पद से राष्ट्रपति के

आदेश दुवारा उनके उच्चतम न्यायालय को निर्देश दिए जाने;पर, उच्चतम न्यायालय के दुवारा उस सम्बन्ध में

विहित प्रक्रिया के अनुसार की गयी जाँच पर यह रिपोर्ट देने के बाद कि अध्यक्ष या ऐसा अन्य सदस्य, यथास्तिथि,

को किसी ऐसे सिद्ध कदाचार या अक्षमता के आधार पर हटाया जाना चाहिए, या हटाया जायेगा।



5.1. उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी राष्ट्रपति, अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को आदेश दुवारा पद से

हटा देगा, यदि अध्यक्ष या ऐसा अन्य सदस्य, यथास्तिथि,-----

क. दिवालिया, न्यायनिर्णीत कर दिया गया है, या

ख. अपने पद से कर्त्तव्यों के बहार किसी वैतनिक रोजगार में अपने कार्यकाल में लगता है, या

ग. मस्तिष्क या शरीर की दुर्बलता के कारण पद पर बने रहने के लिए अयोग्य है, या

घ. विकृत चित्त का है एवं सक्षम न्यायालय दुवारा इस प्रकार घोषित कर दिया गया है, या 

ड़. किसी अपराध के लिए जो राष्ट्रपति की राय में नैतिक पतन वाला है, सिद्ध दोष हो गया है एवं उसे कारगार की

सजा दे दी गई हो।


धारा- 06: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्यों की पदावधि :


6.1. अध्यक्ष के रूप में नियुक्त व्यक्ति उस दिनांक से जिसको वह अपने पद को प्रवेश करेगा, पाँच वर्ष की अवधि

के लिए या जब तक वह 70 वर्ष की आयु का नहीं होगा, इनमें जो भी पूर्व में हो, पद को धारित करेगा।


6.2. सदस्य के रूप में नियुक्त व्यक्ति उस दिनांक से जिसको वह अपने पद पर प्रवेश करेगा, पाँच वर्ष की अवधि

के लिए पद को धारित करेगा तथा पाँच वर्षों की दूसरी अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति हेतु पात्र होगा -

परन्तु यह कि कोई भी सदस्य सत्तर वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद पद को धारण नहीं करेगा।


6.3. पद पर नहीं रहने पर, अध्यक्ष या सदस्य भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन आगे और

नियुक्ति के लिए अपात्र होगा।


धारा- 07: कुछ परिस्थितियों में सदस्य दुवारा अध्यक्ष के रूप में कार्य करना या उसके कार्यो का निर्वहन करना :


7.1. अध्यक्ष की मृत्यु होने, त्यागपत्र देने के कारण या अन्यथा प्रकार से उसका पद रिक्त होने की दशा मै राष्ट्रपतिअधिसूचना दुवारा सदस्यों में से किसे एक को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए उस रिक्ति को भरने के लिए नए अध्यक्ष की नियुक्ति किये जाने तक के लिए प्राधिकृत करेगा।

7.2. जब अध्यक्ष अवकाश पर अनुपस्थिति के कारण या अन्यथा अपने कार्यो का निर्वहन करने में असमर्थ हो, उनसदस्यों में से ऐसा एक जिसे राष्ट्रपति, अधिसूचना दुवारा, इस संबंध में प्राधिकृत करें, अध्यक्ष के कार्यों का निर्वहन उस दिनाँक तक करेगा, जिसको कि अध्यक्ष अपने कर्तव्यों का पुनर्ग्रहण करेगा।


धारा- 08: सदस्यों की सेवा शर्तें :

सदस्यों की संदेय वेतन एवं भत्ते एवं उनकी सेवा की अन्य शर्ते व निबंधन वे होंगी जो विहित की जाएगी:


परन्तु यह कि किसे सदस्य को न तो वेतन एवं भत्ते और न सेवा की शर्ते एवं निबंधन उसकी नियुक्ति के बाद

उसके लिए अलाभकारी रूप में परिवर्तित नहीं की जाएगी।


धारा- 09: रिक्ति से आयोग की कार्रवाई अविधिमान्य नहीं होगीं :


आयोग के गठन में किसी पद पर रिक्ति की विधमानता या उसमे किसी त्रुटि होने के आधार पर आयोग का किसी

 कृत्य या कार्रवाई को प्रश्नगत या अविधिमान्य नहीं किया जायेगा। 

धारा- 10:प्रक्रिया का आयोग दुवारा विनियमन किया जाना :


10.1. आयोग ऐसे समय एवं स्थान पर बैठक करेगा जिसे अध्यक्ष  उचित समझे। 

10.2. आयोग अपनी स्वयं की प्रक्रिया नियमित कर सकेगा। 

10.3. आयोग के समस्त आदेश एवं विनिश्चय महासचिव या इस सम्बन्ध में अध्यक्ष दुवारा विधिवत प्राधिकृत आयोग के किसी अन्य अधिकारी दुवारा अधिप्रमाणित किये जायेगे। 


धारा- 11: आयोग के अधिकारी एवं अन्य  कर्मचारी :

11.1. भारत सरकार आयोग के लिए निम्न को उपलब्ध करायेगी:

11.1.(क): भारत सरकार के सचिव के रैंक का एक अधिकारी जो आयोग का महासचिव होगा, एवं 

11.1.(ख): एक ऐसे अधिकारी के अधीन, जो महानिदेशक, पुलिस के रैंक से नीचे का नहीं होगा, ऐसी पुलिस एवं

 अन्वेषणकर्ता कर्मचारी एवं ऐसे अन्य कर्मचारी जो आयोग के कार्य को कुशलतापूर्वक निष्पादित के लिए आवश्यक है। 

11.2. ऐसे निमयों के अधीन जो इस संबंध में भारत सरकार दुवारा बनाये जायेंगे, आयोग ऐसे अन्य प्रशासनिक,

 तकनीकी एवं वैज्ञानिक स्टाफ नियुक्त करेगा जिसे वह आवश्यक समझेगा। 

11.3. उपधारा (2) के अधीन नियुक्त अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों के वेतन, भत्ते एवं उनकी सेवा की शर्तें  वे होंगी जो निर्धारित की जाएगी। 

 और आगे जाने अगले लेख मे 


और अधिक जाने (Know more):






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